क्या भारत के ईवी स्पेस में अदानी समूह अपनी जगह बनाने में सफल होगा?
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेगमेंट भारत में धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ते दिख रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, हमारे देश में बेचे गए कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3% थी। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा बढ़ने की बड़ी संभावना है। टाटा मोटर्स, हुंडई, महिंद्रा इलेक्ट्रिक, एमजी मोटर और अशोक लीलैंड आज कुछ बेहतरीन इलेक्ट्रिक कारों और बसों का निर्माण एवं बिक्री करते हैं। एथर एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक जैसी नए जमाने की टेक कंपनियों ने भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में अपनी पहचान बनाई है। इलेक्ट्रिक व्हीकल अपने पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों के कारण ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं।
अपने हरित ऊर्जा रोडमैप के हिस्से के रूप में, अदानी समूह भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में रणनीतिक प्रवेश कर रहा है। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि अहमदाबाद स्थित समूह कैसे अत्यधिक आशाजनक ईवी क्षेत्र में खुद को स्थापित करने की योजना बना रहा है।
अदानी समूह का ईवी के लिए रोडमैप
- अदाणी समूह ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेगमेंट में प्रवेश करने की योजना का खुलासा किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एस.बी. अदानी फैमिली ट्रस्ट ट्रेडमार्क को वाहनों के लिए इस्तेमाल करने का प्रस्ताव रखा गया है।
- समूह अपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परियोजनाओं के लिए गुजरात के मुंद्रा में विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone – SEZ) में एक अनुसंधान एवं विकास सुविधा स्थापित करेगा।
- रिपोर्टों के अनुसार, अदानी समूह शुरू में इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों का निर्माण करेगा, जिसमें कोच, बस और ट्रक आदि शामिल हैं। इन वाहनों का उपयोग अदानी के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर आंतरिक जरूरतों के लिए किया जाएगा। इस कदम से उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन के आगे विकास के लिए प्रारंभिक डेटा एकत्र करने में मदद मिलेगी।
- अदाणी समूह आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनाने और पूरे भारत में ईवी चार्जिंग स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की भी तैयारी कर रहा है।
अदानी समूह की व्यापक हरित ऊर्जा पुश
पीएम नरेंद्र मोदी के हरित ऊर्जा लक्ष्यों के साथ अदानी समूह ने अपनी व्यावसायिक रणनीतियों को जोड़ा है। इसने हाल ही में सौर, पवन, हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा बुनियादी ढांचे में अगले दस वर्षों में 20 अरब डॉलर (~ 1.4 लाख करोड़ रुपये) निवेश करने की योजना सार्वजनिक की थी। समूह का लक्ष्य, अपने कुल पोर्टफोलियो में अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता की हिस्सेदारी को वर्तमान से बढ़ाकर 21% से 63% तक तिगुना करना है।
इसके अलावा, बिजनेस हाउस 2025 तक अपने नियोजित पूंजीगत व्यय (planned capital expenditure – capex) का 75% हरित प्रौद्योगिकियों पर खर्च करेगा। अक्टूबर 2021 में, अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने 3.5 अरब डॉलर (~ 26,000 करोड़ रुपये) में एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण पूरा किया। एसबी एनर्जी इंडिया जापान स्थित सॉफ्टबैंक समूह और भारत के भारती समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम था। यह भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है।
हाल ही में, अदानी समूह ने नई ऊर्जा क्षेत्र में उद्यम करने के लिए एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, अदानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) की स्थापना की। ग्रीन हाइड्रोजन और विंड टर्बाइन, सोलर मॉड्यूल और बैटरी जैसे अन्य उत्पादों पर ध्यान देने के साथ, समूह का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनना है!
आगे का रास्ता
भारतीय ईवी बाजार अभी अपनी शुरुआती अवस्था में है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव से हमारे देश को हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके लिए सरकार, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं, रासायनिक निर्माताओं आदि के समान प्रयासों की आवश्यकता होगी। राज्य सरकारों की सब्सिडी और फेम II पहल ने पहले ही ईवी स्पेस में उच्च प्रतिस्पर्धा पैदा कर दी है। इसके अलावा, ईवी क्रांति के लिए अनुसंधान और उत्पाद विकास में एक बड़े निवेश की आवश्यकता होती है, खासकर जब बैटरी/चार्जिंग जैसे बुनियादी ढांचे की बात आती है।
अदानी समूह का लक्ष्य ईवी बाजार को अपनी गहरी जेब से संबोधित करना है। ईवी व्यवसाय में अदानी समूह का प्रवेश इसके शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों का एक और पहलू है। वे हमारे देश में लागत प्रभावी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए अदानी समूह की प्रत्येक कंपनी की क्षमताओं का लाभ उठाएंगे। इस कदम का मतलब अंततः भारत के ईवी क्षेत्र में अधिक प्रतिस्पर्धा निर्माण करना है। हम यह देखने के लिए तत्पर हैं, कि समूह अपनी रणनीतिक योजनाओं को कैसे लागू करेगा।
अदानी समूह के ईवी क्षेत्र में प्रवेश पर क्या विचार हैं? हमें मार्केटफीड ऐप के कमेंट सेक्शन में बताएं।
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