अशनीर ग्रोवर और भारतपे के बिच का विवाद !
शार्क टैंक ने भारत के स्टार्टअप क्षेत्र में नया जोश भरा है। इसने भारतीय मानसिकता में नई क्रांति लाई है। पहले स्टार्टअप और उसका मूल्यांकन एक ‘जटिल’ विषय था, लेकिन अब वह साधारण व्यक्ति की चर्चा का विषय बन गया हैं। शो में शामिल शार्क यानी निवेशकों में से एक अशनीर ग्रोवर भी थे। वह हाल ही में कई कारणों से सुर्खियों में बने हैं। सोशल मीडिया की दुनिया में व्यापार रियलिटी टेलीविजन श्रृंखला शार्क टैंक पर अशनीर की विशेषता और विशिष्ट विचारों के बारे में कई तरह के जोक्स और मिम्स वायरल हो रहे है। इस लेख में हम, अशनीर ग्रोवर के जीवन पर एक नज़र डालेंगे।
भारतपे से पहले का जीवन
- अशनीर ग्रोवर का जन्म 14 जून 1982 को दिल्ली में हुआ था। वह एक समृद्ध एवं शैक्षिक बैकग्राउंड वाले परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक और अहमदाबाद के भारतीय संस्थान से अपनी MBA डिग्री प्राप्त की है।
- अशनीर 2002 में आईएनएसए-ल्योन विश्वविद्यालय(INSA Lyon – Institut National des Sciences Appliquées de Lyon) के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए 450 के बैच में आईआईटी दिल्ली द्वारा चुने गए छह छात्रों में से एक थे। फ्रांसीसी दूतावास ने उन्हें €6000 की छात्रवृत्ति से सम्मानित किया।
- अशनीर ने बाद के वर्षों में कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और अमेरिकन एक्सप्रेस के साथ काम किया। वह ग्रोफर्स(Grofers) में मुख्य वित्तीय अधिकारी थे, जहां उन्होंने संस्थापकों – अलबिंदर ढींडसा और सौरभ कुमार के साथ कंपनी का निर्माण किया। इसके बाद वे पीसी ज्वैलर्स में न्यू बिजनेस के प्रमुख बने, जहां उन्होंने रणनीति और डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व किया।
भारतपे यह है!
- सफर शुरू हुआ भारतपे (BharatPe)! 2018 में, अशनीर ग्रोवर ने आईआईटी दिल्ली के तकनीकी प्रोग्राम में फिनटेक उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की थी । वहाँ उन्होंने शाश्वत नकरानी नाम के छात्र से मुलाकात की। तीन महीने बाद, दोनों ने साथ मिलकर भारतपे की सह-स्थापना की।
- 2018 में, अशनीर ग्रोवर ने एक तकनीकी कार्यक्रम में आईआईटी दिल्ली के छात्र शाश्वत नाकरन से मुलाकात की, जहां उन्होंने फिनटेक उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की थी। तीन महीने बाद, उन्होंने भारतपे की सह-स्थापना की।
- BharatPe एक फिनटेक कंपनी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह तीन व्यावसायिक सेगमेंट प्रदान करता है – 1) यूपीआई भुगतान के लिए इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड, 2) कार्ड स्वीकृति के लिए भारत स्वाइप, और 3) छोटे व्यापारियों के लिए लोन।
- भारतपे ने हाल ही में न्यूयॉर्क स्थित टाइगर ग्लोबल और अन्य से 2.85 बिलियन अमरीकी डालर के मूल्यांकन पर 370 मिलियन अमरीकी डालर जुटाए। सेंट्रम फाइनेंस के साथ साझेदारी में, कंपनी ने RBI से एक लघु वित्त बैंक लाइसेंस भी प्राप्त किया है। इस लाइसेंस के माध्यम से स्मॉल फाइनेंस बैंक क्षेत्र में गोता लगाने की योजना कंपनी बना रहा है।
- अशनीर एक सक्रिय उद्यम पूँजीदाता हैं और उनके पोर्टफोलियो में लगभग 18 स्टार्टअप हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 21,300 करोड़ रुपये आंकी गई है।
विवाद
सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप सामने आया, जिसमें कथित तौर पर अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी के बीच की बहस को रिकॉर्ड गया था। क्लिप में, अशनीर कथित तौर पर एक बैंक कर्मचारी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता है क्योंकि वह आईपीओ के दौरान नायका के शेयरों का आवंटन प्राप्त करने में विफल रहे। क्लिप फर्जी होने का अशनीर ने सोशल मीडिया पर दावा किया है।
ऐसे दावे किए गए हैं, कि भारतपे का बोर्ड अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और कई अन्य मामलों की जांच कर रहा है। इसके बाद अशनीर ग्रोवर ने कुछ समय के लिए छुट्टी लेने का फैसला किया। उन्होंने एक बयान में कहा की, “काफी विचार-विमर्श के बाद, मैं भारतपे से मार्च के अंत तक एक अस्थायी अवकाश लेने की योजना बना रहा हूं। मैं 1 अप्रैल, 2022 को या उससे पहले लौटूंगा।”
कुछ समाचार सूत्रों के अनुसार, निवेशकों का बोर्ड चाहता है कि अशनीर ग्रोवर भारतपे छोड़ दें। दूसरी ओर, अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के सीईओ सुहैल समीर को हटाने की मांग की। उनका मानना है, कि सुहैल ने अनुपस्थिति की छुट्टी पर जाने के लिए अशनीर के साथ छेड़छाड़ की और इस तरह निवेशकों का पक्ष लिया। अशनीर ग्रोवर ने कहा है, कि उन्हें भारतपे छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं होगी, बशर्ते निवेशकों का बोर्ड कंपनी में उनका हिस्सा लगभग 4000 करोड़ रुपये में खरीद ले।
अशनीर ग्रोवर एक उत्कृष्ट उद्यमी रहे हैं। कम्युनिकेशन की उनकी अजीबोगरीब शैली ने मिम्स की दुनिया में तूफान ला दिया है। जबकि स्टार्टअप की दुनिया में उनकी मौजूदगी अच्छी तरह से एस्टब्लिश थी, शार्क टैंक पर उनकी उपस्थिति ने शो को चार चाँद लगा दिए। ग्रोवर के दिमाग की उपज भारतपे ने भारत में छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है। भारतपे ने वास्तव में एक सकारात्मक सामाजिक प्रभाव पैदा किया है। कुछ ऐसी डिजिटल क्रांति जो हमें आज अपने गली के किराने की दुकान से लेकर एक टोकरी में फल बेचने वाले फल विक्रेता तक में देखने मिल सकती है।
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