क्या ब्लूस्मार्ट (BluSmart) इलेक्ट्रिक व्हीकल कैब्स ओला, उबर के लिए बनेगी ख़तरा?
इलेक्ट्रिक व्हीकल राइड-हेलिंग (ride-hailing) प्लेटफॉर्म ने ऐसे समय में एक भव्य प्रवेश किया है, जब ओला और उबर (जिन्होंने बड़े पैमाने पर एकाधिकार का आनंद उठाया है) को कई बार सर्ज प्राइसिंग कैसे निर्धारित की जाती है जैसे मुद्दों को लेकर कस्टमर्स के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
इस लेख में, हम ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और राइड-हेलिंग सेगमेंट में सबसे नया प्रवेश करने वाला ब्लूस्मार्ट (BluSmart) कैसे सभी सही विकल्पों की जांच कर रहा है यह जानेंगे।
भारतीय टैक्सी उद्योग का परिवर्तन
हम सभी ने भारतीय टैक्सी उद्योग में एक बड़ा बदलाव देखा है। 2010 के आसपास, हमने रेडियो कैब या पारंपरिक टैक्सियों से ओला और उबर जैसे ऑनलाइन कैब सर्विस बदलाव का अनुभव किया।
ओला और उबर के भारतीय बाजार में आने से पहले हमारे पास अच्छी कैब सर्विसेस की कमी थी। एक समय था, जब मुंबई और दिल्ली जैसी जगहों पर टैक्सी लेने के लिए 40 मिनट तक का इंतजार करना पड़ता था। बढ़ती मांग और कैब की गुणवत्ता में सुधार के कारण आर्गनाइज्ड टैक्सी बाजार में अच्छी बढ़त हुई। भारत में टैक्सी सर्विसेस के प्रति कस्टमर पार्टिसिपेशन को बदलने के लिए ऑनलाइन प्लेयर्स जिम्मेदार थे।
"कस्टमर भगवान का रूप है।” यह हम सभी जानते हैं, लेकिन ऑनलाइन प्लेयर्स ने भी अपने ड्राइवर-पार्टनर कंटेंट को बनाए रखने का प्रयास किया। बोनस, इंसेंटिव, फ्री ट्रेनिंग और हेल्थ चेकअप जैसी सुविधाएं दी। इन कंपनियों को पता था, कि अगर वे अपने ड्राइवरों को संतुष्ट रखती हैं, तो राइड के अनुभव में सुधार होगा, और यह कुछ समय बाद यह हाई ब्रांड वैल्यू में तब्दील हो जाएगा।
ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर्स के सामने आने वाली चुनौतियां
पिछले कुछ वर्षों में ईंधन की बढ़ती कीमतों के चलते ड्राइवरों को दिए जाने वाले इंसेंटिव ख़त्म किये गए और पहले की नो-कैंसलेशन पॉलिसी अब एक बड़ा अभिशाप बन गई है।
- ऐप-आधारित टैक्सी एग्रीगेटर कंपनियों ने अपने ड्राइवरों को ज़्यादा पैसों के इंसेंटिव देने का वादा किया था। हालांकि, इंसेंटिव में भारी कटौती की गई, जिसके परिणामस्वरूप ड्राइवरों के बीच असंतोष बढ़ गया।
- पहले कैब के लिए औसत प्रतीक्षा समय (wait time) 2-4 मिनट था, जिसे अब बढ़ाकर 12-15 मिनट कर दिया गया है।
- किराया भी बढ़ गया है, जिससे अब कस्टमर्स दूर जा रहे हैं।
- कई कस्टमर्स कैंसलेशन के बढ़ते रेट और ड्राइवरों द्वारा कॅश पेमेंट के आग्रह के बारे में शिकायत कर रहे हैं।
- अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ड्राइवर दिन में 14-16 घंटे की शिफ्ट में भी काम करते हैं।
ब्लूस्मार्ट (BluSmart): कई मुश्किलों का हल
ये चुनौतियां ठीक वही हैं, जिन्हें गुरुग्राम स्थित ब्लूस्मार्ट (BluSmart) दूर करने और मिटाने का प्रयास कर रहा है!
ब्लूस्मार्ट (BluSmart) एक इलेक्ट्रिक स्मार्ट मोबिलिटी प्लेटफॉर्म है, जो इंटेलिजेंट, किफायती, स्थायी और कुशल ट्रांसपोर्टेशन प्रोवाइड करता है। इसकी स्थापना 2019 में की गई थी। उनके पास एक पूरी और व्यापक इलेक्ट्रिक ऑन-डिमांड मोबिलिटी प्लेटफॉर्म स्थापित करके भारतीय शहरों में पॉजिटिव पर्यावरणीय परिवर्तन लाने का विज़न है।
जुलाई 2022 तक कंपनी ने घोषणा की, कि उन्होंने दिल्ली NCR में 1.8 मिलियन से अधिक राइड में 4300+ टन CO2 की बचत की है और कार्बन उत्सर्जन पर वेरा मान्यता (Verra accreditation जो कार्बन उत्सर्जन में कमी को प्रमाणित करने का एक मानक है) प्राप्त की है।
ब्लूस्मार्ट (BluSmart) के ड्राइवरों के ऐप में कैंसिल बटन नहीं है! साथ ही ब्लूस्मार्ट (BluSmart) ने महिला चालकों को भी अपने साथ शामिल किया है। और इसी के साथ, यह सभी सही विकल्पों पर काम कर रहा है- जो हाई सर्विस लेवल, पर्यावरण जागरूकता और महिला सशक्तिकरण तक फैला हुआ है।
विकास में आने वाली चुनौतियां
ब्लूस्मार्ट (BluSmart) का विस्तार और विकास कई बाधाओं का सामना कर रहा है। इसे अपने व्हीकल के लिए रिजर्वेशन की आवश्यकता है और स्लॉट की उपलब्धता के अनुसार यह काम करता है। जिन कस्टमर के पास पहले से ही एक डिसाइडेड ट्रेवल प्लान या ट्रेवल डेस्टिनेशन है, उनके लिए यह कोई समस्या नहीं हैं। हालाँकि, यह वो कस्टमर ज़रूर खो सकता है, जो तत्काल ट्रेवल का निर्णय लेते हैं या तुरंत ट्रेवल डेस्टिनेशन तय करते हैं। वहीं, ब्लूस्मार्ट यूजर्स ने बताया है कि उनका व्हीकल आमतौर पर तय समय सीमा से काफी पहले पिकअप लोकेशन पर पहुंच जाता है।
ओला या उबर इसके के विपरीत, उनके व्हीकल ड्राइवर के ओनरशिप वाली एसेट नहीं हैं। ब्लूस्मार्ट (BluSmart) के पास उसके सभी व्हीकल का ओनरशिप है। इसका पूरा बेड़ा इलेक्ट्रिक का है और इसमें Tata Tigor EVs शामिल हैं। इसका मतलब यह भी है, कि इन वाहनों को अपनी बैटरी रिचार्ज करने के लिए एक स्थान की आवश्यकता होती है। भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी कंपनी के विस्तार में एक बड़ी बाधा है। हालांकि, ब्लूस्मार्ट (BluSmart) ने पूरे भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए Jio-BP के साथ साझेदारी की है।
आगे का रास्ता
ब्लूस्मार्ट (BluSmart) देश के सभी बड़े शहरों में अपनी महत्वपूर्ण और प्रतिस्पर्धी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए तैयार है। दिल्ली NCR में केंद्रित होने के बाद, इसने बेंगलुरु के कुछ क्षेत्रों में अपना परिचालन शुरू कर दिया है, जिसमें इंदिरानगर, कोरमंगला, विल्सन गार्डन, डोम्लूर, HSR लेआउट, बेलंदूर और कुछ जग़ह भी शामिल हैं।
राइड-शेयरिंग कंपनी का लक्ष्य इस साल के अंत तक अपने बेड़े का आकार 2,200 कारों से बढ़ाकर 5,000 से अधिक करना है। यह 2023 के अंत तक 30,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल कैब ऑपरेट करने की योजना बना रहा है!
ब्लूस्मार्ट (BluSmart) ड्राइवर-भागीदारों के लिए समान और न्यायसंगत आर्थिक अवसर पैदा कर रहा है, जो संपत्ति के ओनरशिप की परेशानी के बिना गाड़ी चला सकते हैं और कमा सकते हैं। स्टार्टअप का लक्ष्य मेट्रोपोलिटन भारत के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल ट्रान्सपोर्ट ऑप्शन प्रोवाइड करना है।
क्या ब्लूस्मार्ट ओला और उबर को पछाड़ देगा, या यह दिग्गजों की गर्मी और दबाव का सामना करेगा? मार्केटफीड ऐप के कमेंट सेक्शन में हमें अपने विचार बताएं!
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