भारत की टॉप अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम ऑयल कंपनियां!!

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भारत के आठ प्रमुख उद्योगों में से ऑयल और गैस उद्योग एक है। हमारी अर्थव्यवस्था के सभी महत्वपूर्ण वर्गों पर इसका प्रभाव है। क्रूड ऑयल और उसके उत्पादों के लिए आपूर्ति श्रृंखला में उनके संचालन और स्थिति के आधार पर, ऑयल कंपनियों को मुख्य रूप से दो भाग में विभाजित किया गया है: अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम। ऑयल की खोज और उत्पादन से लेकर रिफाईनमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन तक, कंपनियां भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस लेख में, हम भारत की प्रमुख अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम ऑयल कंपनियों के बारे में जानेंगे। 

अपस्ट्रीम ऑयल कंपनियां क्या हैं? 

अपस्ट्रीम सेगमेंट क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस को खोजने और उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार है। इसमें संभावित ऑयल क्षेत्रों की खोज, खोजपूर्ण कुओं की ड्रिलिंग, और कुओं के ऑयल देने की क्षमता की  जांच शामिल है। इस सेगमेंट में शामिल कंपनियां सतह पर  क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की वसूली भी करती हैं। ऐसी संस्थाओं को एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (Exploration and Production) कंपनियों के रूप में भी जाना जाता है। वे रिसर्च एंड डेवलपमेंट (research and development) गतिविधियों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन कंपनियों के सदस्यों में भूवैज्ञानिक, वैज्ञानिक, इंजीनियर और भूकंप विशेषज्ञ शामिल हैं। 

मॉडर्न ऑयल ख़ोज के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) का उपयोग करके किए गए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में यांत्रिक ड्रिलिंग और फ्रैकिंग उपकरण अधिक उन्नत और कुशल हो गए हैं। 

आयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC)

ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) लिमिटेड भारत में क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसका संचालन मुख्य रूप से ऑयल की निकासी के आसपास केंद्रित है। कंपनी का भारत के कुल कच्चे ऑयल उत्पादन का ~71% हिस्सा है।

ONGC लगभग 105 ऑयल ड्रिलिंग रिग और 74 वर्कओवर (पोर्टेबल) रिग संचालित करता है। यह पूरे भारत में 11,000 किमी से अधिक ऑयल पाइपलाइनों का मालिक है। ONGC द्वारा निकाले गए कच्चे माल का उपयोग  Indian Oil Corp. (IOCL), BPCL, और HPCL  जैसी डाउनस्ट्रीम ऑयल  कंपनियों द्वारा कच्चे माल के रूप में किया जाता है। 

ONGC कंपनी में भारत सरकार (Government of India – GoI) की बहुमत हिस्सेदारी (60.4%) है। ONGC पेट्रोलियम और नेचुरल  गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। इसे 2010 में ‘महारत्न’ का दर्जा दिया गया था। आप यहां ऊर्जा दिग्गज के बारे में अधिक जान सकते हैं। 

ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) 

राज्य के स्वामित्व वाली ऑयल इंडिया लिमिटेड भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज, विकास और उत्पादन करती है। कंपनी 1,157 किलोमीटर की क्रॉस-कंट्री क्रूड ऑयल पाइपलाइनों का संचालन करती है। इसके पास असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में 13 ड्रिलिंग रिग, 14 वर्क-ओवर रिग और 10 कच्चे ऑयल पंपिंग स्टेशन भी हैं।

OIL का महानदी ऑफशोर, मुंबई डीपवाटर और कृष्णा गोदावरी डीपवाटर में न्यू एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पॉलिसी (NELP) ब्लॉकों में भागीदारी हित हैं। यह लीबिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, नाइजीरिया, सूडान, वेनेजुएला आदि में विभिन्न परियोजनाओं में भी शामिल है। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL)

रिलायंस पेट्रोलियम, RIL की सहायक कंपनी, भारतीय अपस्ट्रीम ऑयल बाजार में प्रमुख निजी खिलाड़ियों में से एक है। यह बंगाल की खाड़ी में दो प्रमुख ऑयल रिसाव संचालित करता है- धीरूभाई डीपवाटर (DD) KG-1 और DD KG-2। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी- जामनगर ऑयल रिफाइनरी भी है। इसमें प्रतिदिन 1.97 लाख क्यूबिक मीटर क्रूड ऑयल का उत्पादन करने की क्षमता है! 

लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (L&T)

यह इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी कई परियोजनाओं पर काम करती है, जो ऑयल निकालने और उसके प्रोसेसिंग से संबंधित हैं। L&T ऑयल और गैस परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण उपकरण और सिस्टम भी प्रदान करता है। कंपनी का हाइड्रोकार्बन बिज़नेस ऑयल और गैस प्रसंस्करण, पेट्रोलियम रिफाइन, रसायन और पेट्रोकेमिकल सहित संपूर्ण हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला को पूरा करता है। 

बीपी पीएलसी (BP Plc)

BP Plc एक ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय ऑयल और गैस कंपनी है, जिसका मुख्यालय लंदन में है। 2020 में, कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ एक जॉइंट वेंचर  (JV) का गठन किया, जो “Jio-bp” ब्रांड के तहत काम कर रहा है, जॉइंट वेंचर का लक्ष्य भारत के ईंधन और मोबिलिटी बाजारों में एक अग्रणी खिलाड़ी बनना है। 

डाउनस्ट्रीम ऑयल कंपनियां क्या हैं?

डाउनस्ट्रीम ऑयल कंपनियां पेट्रोलियम उत्पादों के रिफाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग में शामिल हैं। इस सेगमेंट में ऑयल रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल संयंत्र और ईंधन डिस्टीब्युटर्स/खुदरा विक्रेता शामिल हैं। वे पेट्रोल, डीजल, नेचुरल गैस, जेट ईंधन, सिंथेटिक रबर, प्लास्टिक, कीटनाशक, दवा सामग्री और बहुत कुछ जैसे उत्पादों की पेशकश करते हैं। इस प्रकार, डाउनस्ट्रीम ऑयल कंपनियां क्रूड ऑयल को अंतिम उत्पादों में रिफाइनिंग करने और कन्वर्ट करने के महत्वपूर्ण अंतिम चरणों की देखरेख करती हैं,जिन्हें बाद में अंतिम उपभोक्ताओं को बेच दिया जाता है।

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)

IOCL भारत में पेट्रोलियम उत्पादों के रिफाइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और मार्केटिंग में लगी हुई है। इसके उत्पादों में पेट्रोल, डीजल, लुब्रिकैंट्स, ग्रीस, एविएशन ईंधन, औद्योगिक ईंधन और मरीन ऑयल शामिल हैं। राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी पूरे भारत में 11 रिफाइनरियों, ~ 15,000 किमी क्रूड ऑयल और गैस पाइपलाइनों और 7 विदेशी सहायक कंपनियों का संचालन करती है।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL)

HPCL, ONGC लिमिटेड की एक सहायक कंपनी, भारत और दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों का रिफाइन  और मार्केट करती है। कंपनी पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG),  naphtha लुब्रिकैंट्स, ग्रीस और एविएशन टरबाइन ईंधन प्रदान करती है। यह बिटुमेन, जेट और मरीन ईंधन, मरीन ल्यूब का मार्केटिंग और एक्सपोर्ट्स भी करता है।

मार्च 2021 तक, HPCL के ऑपरेटिंग नेटवर्क में 18,634 रिटेल आउटलेट, 6,192 LPG वितरक, 46 एविएशन सेवा सुविधाएं और 41 ऑयल और गैस टर्मिनल शामिल थे। कंपनी की मुंबई और विशाखापत्तनम में दो रिफाइनरी हैं।

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)

BPCL भारत में क्रूड ऑयल का रिफाइन करती है और पेट्रोलियम उत्पादों का मार्केटिंग करती है। इसमें ~15,402 ईंधन स्टेशनों का नेटवर्क है जो पेट्रोल, डीजल, ऑटोमोटिव लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (LPG), और कंप्रेस नेचुरल गैस बेचते हैं। कंपनी एयरलाइंस को ऑटोमोटिव इंजन ऑयल, गियर ऑयल, ग्रीस और जेट फ्यूल भी देती है। BPCL मुंबई, बीना (मध्य प्रदेश), नुमालीगढ़ और कोच्चि में ऑयल रिफाइनरियों का संचालन करती है। वे 2,241 किलोमीटर की बहु-उत्पाद पाइपलाइनों का संचालन करते हैं।

आगे का रास्ता

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों ने ऊंचाई को छू लिया है। मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, और आपूर्ति श्रृंखला टूट गई है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) के उत्पादन को बढ़ावा देने तक ऑयल बाजार दशकों में अपने सबसे बड़े आपूर्ति संकट का सामना करेगा। ऑयल की कीमतों में और वृद्धि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को उच्च स्तर पर धकेल सकती है।

इस बीच, OPEC ने अनुमान लगाया है कि 2045 तक भारत में ऑयल की मांग मौजूदा स्तर से बढ़कर ~11 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो जाएगी। पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण, भारत सरकार ने अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम का समर्थन करने के लिए विभिन्न नीतियों और सब्सिडी की शुरुआत की है। ऑयल की कंपनियाँ इसने अपस्ट्रीम और निजी क्षेत्र की रिफाइनिंग परियोजनाओं में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की भी अनुमति दी है।

हालांकि, ऊपर उल्लिखित अधिकांश ऑयल कंपनियां अब अक्षय ऊर्जा(renewable energy) विकल्पों में धीमी गति से बदलाव कर रही हैं। कच्चा तेल, हाइड्रोकार्बन, नेचुरल गैस और अन्य जीवाश्म ईंधन प्रकृति में सीमित हैं। हाल के वर्षों में इस तरह के संसाधन तेजी से घट रहे हैं। भविष्य में एक समय ऐसा आएगा जब ऑयल की कमी हो जाएगी। भारत ने 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद में कार्बन उत्सर्जन एकाग्रता को 33% -35% तक कम करने का संकल्प लिया है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक देश की अक्षय ऊर्जा की खपत को 20% तक दोगुना करना है।

भारत को इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए बड़ी ऑयल कंपनियां हरित ऊर्जा परियोजनाओं और इलेक्ट्रिक चार्जिंग बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रही हैं। आइए देखें, कि वे अपनी रणनीतिक योजनाओं को कैसे क्रियान्वित करते हैं।

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