जापानी कुबोटा कॉर्पोरेशन लेगा एस्कॉर्ट्स लिमिटेड में हिस्सेदारी!! जानिए डील का विस्तृत विश्लेषण

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18 नवंबर को, एस्कॉर्ट्स लिमिटेड ने जापान स्थित कुबोटा कॉर्पोरेशन को अपने कंपनी में को-प्रमोटर के रूप में शामिल होने की घोषणा सार्वजनिक की। यह ट्रैक्टर बनाने वाली विदेशी कंपनी करीब 9,400 करोड़ रुपये का निवेश एस्कॉर्ट्स में करेगी। इस निवेश के साथ, एस्कॉर्ट्स दुनिया का सबसे बड़े ट्रैक्टर बाजार- भारत, का एक बड़ा हिस्सा हासिल करना चाहता है। दलाल स्ट्रीट ने इस खबर का खुले दिल से स्वागत किया, और इसके बाद उसी दिन स्टॉक में 10% की वृद्धि हुई।

सौदे का विवरण

2018 में एस्कॉर्ट्स ने कुबोटा कॉर्पोरेशन के साथ एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) बनाकर अपनी साझेदारी शुरू की। दोनों ने 2020 की शुरुआत में एक-दूसरे के संचालन में निवेश किया। वर्तमान में, जापानी फर्म के पास एस्कॉर्ट्स की 9% हिस्सेदारी है। सौदा होने के बाद यह 53.5% बढ़ जाएगी।

मौजूदा समझौतों के अनुसार, कुबोटा कॉर्पोरेशन को प्रेफरेंशियल आधार पर 1,872 रुपये के शेयर जारी किए जाएंगे। इन शेयरों को सामान्य शेयरों की तुलना से अधिक प्राथमिकता होगी। इसके अलावा, कुबोटा 7,500 करोड़ रुपये के एस्कॉर्ट्स के शेयरों के लिए एक खुली पेशकश करेगी। नंदा परिवार, जो एस्कॉर्ट्स लिमिटेड के मौजूदा प्रमोटर हैं, इस सौदे के बाद कंपनी के किसी भी शेयर की बिक्री नहीं करेंगे। वर्तमान में, फर्म की उनकी हिस्सेदारी 11.6% है।

मौजूदा शेयरधारिता पैटर्न इस प्रकार है:

कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया का एस्कॉर्ट्स लिमिटेड में विलय हो जाएगा, और नई इकाई का नाम एस्कॉर्ट्स कुबोटा लिमिटेड होगा। संयुक्त इकाई का प्रयोजन, कृषि उपकरण क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करना है।

कुबोटा कॉर्पोरेशन – प्रोफाइल

जापान के ओसाका में कुबोटा कॉर्पोरेशन स्थित है। 19वीं शताब्दी के अंत में, इस ने अपना काम शुरू किया। 1960 के दौर में, कंपनी ने जापान में अपना पहला फार्म ट्रैक्टर विकसित किया। वर्तमान में, कुबोटा दुनिया भर में ट्रैक्टरों और अन्य कृषि मशीनरी का एक मुख्य निर्माता के तौर में अपनी पहचान रखता है। इस का कुल राजस्व के लगभग 67% जापान के बाहर से मुख्यतः उत्तरी अमेरिका से आता है। वित्तीय स्थिति को देखते हुए, कुबोटा ने वर्ष 2020 के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की सूचना दी है। फर्म इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में अपना प्रवेश सुनिश्चित करना चाह रही है। उन्होंने अपनी ऑटोमेशन तकनीक के हिस्से के रूप में चालक रहित ट्रैक्टरों के साथ 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के प्रोटोटाइप का खुलासा किया था। इस प्रकार, एस्कॉर्ट्स कुबोटा की तकनीकी प्रगति से लाभ ले सकते हैं।

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड – प्रोफाइल

 हरि प्रसाद नंदा और युडी नंदा द्वारा 1944 में एस्कॉर्ट्स की स्थापना की गई थी। शुरुआत में, कंपनी ने अमेरिकी कृषि मशीनरी निर्माता मैसी फर्ग्यूसन के साथ फ्रेंचाइजी समझौते के तहत ट्रैक्टर बेचे। फोर्ड मोटर्स, जेसीबी, टैडानो (जापानी क्रेन निर्माता) के साथ संयुक्त उद्यम और साझेदारी बनाने से एस्कॉर्ट्स को वैश्विक ऑटोमोटिव उद्योग में ज्ञान और अनुभव हासिल करने में काफ़ी सहायता मिली। वर्तमान में, कंपनी के हरियाणा में 1.2 लाख ट्रैक्टरों की वार्षिक क्षमता वाले 3 प्लांट हैं। प्रतिवर्ष 2,500 ट्रैक्टरों की क्षमता के साथ पोलैंड में इसकी एक उत्पादन इकाई भी है। हरियाणा में उन्हें, कुबोटा संयुक्त उद्यम के साथ 50,000 क्षमता का प्लांट बनाने की अनुमति मिली  है।

एक दिलचस्प तथ्य: राजदूत और Yamaha RX100 जैसे प्रसिद्ध भारतीय दोपहिया वाहनों को एस्कॉर्ट्स प्लांट में असेंबल किया गया था!

वर्तमान में कंपनी तीन क्षेत्रों में अपना व्यवसाय करती हैं:

1. ट्रैक्टर और उससे संबंधित : ट्रैक्टर, कंपनी का मुख्य उत्पाद है। उस के अन्य उत्पाद  स्प्रेयरस, इंजन, हार्वेस्टर, स्पेयर पार्ट्स इत्यादि है। एस्कॉर्ट्स विभिन्न पावर रेंज के आधार पर ट्रैक्टर के तीन मॉडल तैयार करता है। कंपनी 52% घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ 41-50 हॉर्सपावर (एचपी) ट्रैक्टर रेंज में सबसे आगे है। इसके अलावा, एस्कॉर्ट्स कुल बिक्री के मामले में ट्रैक्टरों का चौथा सबसे बड़ा निर्माता है, जिसकी बाजार में हिस्सेदारी 12% है।

2. निर्माण उपकरण: एस्कॉर्ट्स निर्माण और खनन से संबंधित गतिविधियों के लिए उत्पाद बनाती है। यह अर्थमूविंग उपकरण, सामग्री हैंडलिंग (क्रेन), और सड़क निर्माण (कॉम्पैक्टर) मशीनरी प्रदान करता है। सड़क निर्माण के बुनियादी ढांचे और इस्पात उद्योग में प्रगति से कंपनी को लाभ होने की संभावना है। यह कंपनी के लिए एक कम लाभ मार्जिन वाला व्यवसाय है (~3%)।

3.रेल उपकरण: यह वर्टिकल रेलवे उद्योग के लिए ब्रेक सिस्टम, गियर और अन्य इंजीनियरिंग प्रोडक्ट प्रदान करने पर केंद्रित है।

वित्तीय स्थिति

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड की बिक्री 5 साल की  Compounded Annual Growth Rate (CAGR ) 15.7% से बढ़कर वित्त वर्ष 2016 में 51,455 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 21 में 1,06,741 रुपये हो गई है। इसी अवधि के दौरान कुल राजस्व भी ~ 15% की CAGR से बढ़ा है। एस्कॉर्ट्स ने वित्त वर्ष 2011 में अपने मुनाफे को 50% के 5 साल के CAGR से बढ़ाकर 871 करोड़ रुपये करने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि, इनपुट सामग्री और वस्तुओं की  महंगाई ने ट्रैक्टर व्यवसाय को उच्च खर्चों के साथ प्रभावित किया है। लाभ मार्जिन की वृद्धि नीचे दिए गए चार्ट में दिखाई गई है।

12% के लाभ मार्जिन का मतलब है कि राजस्व के रूप में 100 रुपये के लिए, कंपनी प्रत्येक खर्च के बाद शुद्ध आय के रूप में 12 रुपये रख सकती है। लीवरेज साइड पर, लगभग शून्य के इक्विटी अनुपात का डेबिट कंपनी को वस्तुतः कर्ज- मुक्त बनाता है।

निष्कर्ष

हाल के दिनों में भारतीय ट्रैक्टर बाजार विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है। कोविड -19 महामारी से पैदा हुई वित्तीय असुरक्षा, इनपुट लागत में वृद्धि और असंगत मानसून का मौसम जैसी कुछ प्रमुख परेशानियां किसानों के सामने हैं। हालांकि, कृषि मशीनरी में तकनीकी प्रगति, ग्रामीण बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए सरकार की पहल, किसानों के लिए आसान और कम ब्याज वाला कर्ज, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी/टैक्स में  रियायतें ट्रैक्टर उद्योग को नई ऊर्जा देने का काम रही हैं।

कुबोटा कॉर्पोरेशन के प्रवर्तक के रूप में शामिल होने से, घरेलू बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने का सीधा लाभ एस्कॉर्ट्स ले सकता है।  ट्रैक्टरों की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए विनिर्माण क्षमताओं का उपयोग करने से एक बेहतर अवसर एस्कॉर्ट्स को प्राप्त होगा।

एस्कॉर्ट्स लिमिटेड पर आपके क्या विचार हैं?  क्या आप एस्कॉर्ट्स लिमिटेड में निवेश करने का सोच रहे है?  हमें मार्केटफीड ऐप के कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।

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