विफल हुई कार्लाइल-पीएनबी डील! जानिए विस्तृत विश्लेषण

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the failed carlyle pnb deal explained
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2021 के शुरुआत में, पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग फाइनेंस ने उनके अधिमान्य शेयर(preferential shares) और परिवर्तनीय बांड्स(convertible bonds) के आवंटन माध्यम से 4,000 करोड़ रुपये जुटाने के योजना की घोषणा की। सौदे के तहत पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस इन शेयरों को निजी इक्विटी फर्म कार्लाइल ग्रूप के नेतृत्व वाले निवेश माध्यम, आदित्य पुरी के पारिवारिक निवेश शाखा और अन्य शेयरधारकों के एक समूह को आवंटित करेगा। हालांकि, एक प्रॉक्सी सलाहकार फर्म, SES ने सेबी को अपनी चिंता जताई , जिसके कारण अंततः सौदा होते-होते रुक गया। इस लेख में, हम जानेंगे कि पीएनबी-कार्लाइल सौदा क्या था और इसकी विफलता के पीछे कौन से अहम कारण थे?

कहानी

जून 2021 में, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स ने अपने शेयरधारकों के एक समूह को ‘अधिमान्य शेयर(preferential shares)’ आवंटित करके 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के निर्णय को मंजूरी दी। निजी इक्विटी फर्म कार्लाइल ग्रुप के नेतृत्व वाला निवेश माध्यम इसमें ज्यादातर निवेश करेगा। इसका सीधा मतलब यह होगा कि, कार्लाइल समूह कंपनी में अधिक हिस्सेदारी के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (Public Sector Undertaking) पर अधिक नियंत्रण हासिल कर लेगा। समूह 4,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना में से 3,185 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। सौदे के बाद, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की कुल हिस्सेदारी ~ 32% से कम होकर ~ 20% हो जाएगी।

प्रॉक्सी सलाहकार फर्म, स्टेकहोल्डर एम्पावरमेंट सर्विसेज (Stakeholder Empowerment Services) ने Securities and Exchange Board of India (सेबी) के साथ  फंड राइजिंग के इस प्लान की योजना का विरोध किया। एक प्रॉक्सी फर्म शेयरधारकों को आमतौर पर कोटेड कंपनियों(quoted companies) की शेयरधारक बैठकों में अपने शेयरों को वोट करने के लिए सेवाएं प्रदान करती है। फर्म संस्थागत निवेशकों के प्रबंधन और प्रस्तावों पर कंपनी की वार्षिक बैठक में मतदान के लिए डेटा और सिफारिशें भी प्रदान करती है।

SES ने 4,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की योजना के संबंध में सेबी के साथ निम्नलिखित चिंताएं उठाईं:

  • पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के अधिमान्य शेयरों(preferential shares) की कीमत गलत थी। कंपनी को ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम(Public Sector Undertaking)’ का दर्जा प्राप्त है, इसलिए यह अपने निजी समकक्षों की तुलना में बहुत कम ‘पीई अनुपात(PE Ratio)’ रखती है। इक्विटी शेयरों का मूल्य निर्धारित करते समय पूर्व मूल्यांकन को ध्यान में नहीं रखा गया है।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि, प्रस्ताव पारित हो गया है, शेयरधारकों का चयन करने के लिए एक अधिमान्य आवंटन किया जा रहा था। यह कदम माइनॉरिटी शेयरधारकों के हितों को खतरे में डाल सकता है।

SES द्वारा सौदे के बारे में चिंता जताए जाने के बाद, सेबी ने पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को आपातकालीन आम बैठक को रोकने का आदेश दिया, जहां पूंजी जुटाने के लिए मतदान होने वाला था। इसके बाद, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने सेबी के खिलाफ Securities Appellate Tribunal (SAT) का रुख किया।

Securities Appellate Tribunal (SAT) ने इस मुद्दे पर मिश्रित फैसला दिया। फैसले में कुछ बयान सेबी के और कुछ पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के पक्ष में थे। इसके बाद सेबी ने पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अक्टूबर 2021 में, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने घोषणा की, कि उसने कार्लाइल को अपनी अधिमान्य हिस्सेदारी की बिक्री को समाप्त कर दिया है।

निष्कर्ष

पंजाब नेशनल बैंक ने घोषणा की थी, कि कंपनी का पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में अपनी हिस्सेदारी को कम करने का कोई इरादा नहीं है। सौदा समाप्त होने के बाद, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के सीईओ और एमडी, हरदयाल प्रसाद ने कहा कि, कंपनी की  ‘कानूनी होने’ की कोई योजना नहीं है। इसके बजाय, कंपनी अपने कारोबार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के लिए 4,000 करोड़ रुपये का सौदा बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता था। आवास की बढ़ती मांग और कम ब्याज दरों के कारण कंपनी आवास ऋण बाजार का फाइनेंस करना चाहती थी। जबकि कई सारे ‘अनुचित’ सौदे सेबी से छिप जाते हैं, इस विशेष सौदे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सेबी द्वारा अधिक जिम्मेदारी का संकेत हमें देती है।

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