VISA बनाम RuPay! भारत सरकार किसका समर्थन करेगी?

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visa vs rupay who will the indian government support
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एक ताजा रॉयटर्स की रिपोर्ट(Reuters report) अनुसार, अमेरिकी बहुराष्ट्रीय VISA ने यूनाइटेड स्टेट सरकार से शिकायत की है कि, भारत सरकार RuPay का ‘प्रचार’ कर रही है, जिससे अन्य विदेशी प्रतिद्वंद्वियों के लिए भारत एक असमान खेल का मैदान बन चुका है। VISA का मानना ​​है कि, भारत की औपचारिक और अनौपचारिक नीतियां अन्य पेमेंट नेटवर्क के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India -NPCI) के पक्ष में हैं। NPCI एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो  UPI और RuPay नेटवर्क दोनों का प्रबंधन करता है। RuPay एक भारतीय बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा और भुगतान सेवा प्रणाली है, जिसे 26 मार्च 2012 को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India -NPCI) द्वारा शुरू किया गया था। यह घरेलू, पारदर्शी और बहुपक्षीय भुगतान नेटवर्क रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के दृष्टिकोण से मेल खाता है। इस लेख में हम, घरेलू पेमेंट नेटवर्क का विकास जानेंगे और देखेंगे की कैसे विदेशी भुगतान दिग्गज (जैसे की VISA, MasterCard, American Express,आदि) से यह संबंधित है।

पृष्ठभूमि 

  • जब पेमेंट की बात आती है, तो डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface – UPI) महत्वपूर्ण माना जाता है। हम भारत के किसी भी कोने से UPI QR कोड के जरिये पेमेंट का भुगतान कर सकते हैं। इन भुगतानों को भुगतान नेटवर्क नामक मध्यवर्ती संस्था द्वारा संसाधित किया जाता है। एक भुगतान नेटवर्क, डिजिटल भुगतान को संसाधित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि, पैसा एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक सरलता से पहुंचे
  • आज हम American MasterCard, VISA, American Express, BHIM UPI, RuPay.जैसे पेमेंट नेटवर्क से अच्छी तरह वाकिफ हैं। जबकि VISA, American Express, और MasterCard संयुक्त राज्य में स्थित हैं, UPI, RuPay, IMPS, NEFT जैसे भुगतान नेटवर्क भारत-आधारित भुगतान नेटवर्क हैं। अमेरिकी भुगतान नेटवर्क के वैश्विक लेनदेन पर वैश्विक प्रभुत्व है, जबकि भारतीय भुगतान नेटवर्क ने भारत के बाहर अपने पाँव नहीं पसारे है। 
  • NPCI एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन, तेज और सुरक्षित भुगतान को बढ़ावा देना है। दूसरी तरफ,  MasterCard, VISA, American Express जैसी कंपनियां जो निजी संगठन हैं  और जो वैश्विक भुगतान बाजार पर पूरी तरह से हावी हैं। इन कार्ड कंपनियों में कई लोगों, संस्थाओं और संगठनों के अपने निहित स्वार्थ हैं।
  • NPCI ने भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया और दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की। यहां तक कि अब एक रास्ते पर बैठने वाले फल विक्रेता भी, काफी हद तक सरलता से डिजिटल भुगतान स्वीकार कर सकते है। UPI पेमेंट एकदम फ्री है। अब तक स्थिति यह है की, शुल्क का भार बैंक और व्यापारी पर होता है, ग्राहक पर नहीं। यह स्थिति जल्द ही बदल सकती है, जहां ग्राहक को यूपीआई से भुगतान करने के लिए एक छोटे से लेनदेन शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।

क्यों VISA शिकायत कर रहा है?

सीईओ अल्फ्रेड केली सहित VISA के अधिकारियों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (US Trade Representative – USTR) ) कैथरीन ताई से मुलाकात की, और एक समान अवसर पाने के बारे में चिंता जाहिर की। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, USTR कैथरीन ताई के लिए तैयार किया गया एक मेमो इस प्रकार पढ़ा गया, “VISA  भारत की अनौपचारिक और औपचारिक नीतियों के बारे में चिंतित रहता है, जो कि RuPay चलाने वाले गैर-लाभकारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के व्यवसाय के पक्ष में है, ऐसा प्रतीत होता है।”

2018 में, MasterCard ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बारे में, अमेरिका में इसी तरह की शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि, “उन्होंने RuPay कार्ड के उपयोग को राष्ट्रवाद के साथ जोड़ा, यह दावा करते हुए कि यह एक ‘राष्ट्रीय सेवा’ के रूप में कार्य करता है।”

भारत वास्तव में ‘राष्ट्रवाद’ के रंग के साथ घरेलू भुगतान नेटवर्क के उपयोग करने पर जोर दे रहा है, और नागरिकों को स्थानीय कार्ड RuPay को यूज़ करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। ‘प्रधान मंत्री जन धन योजना (PM-JDY)’, सभी को बैंकिंग उपलब्ध कराने की एक योजना है, जो डिफ़ॉल्ट रूप से सभी बैंक खातों के साथ RuPay कार्ड प्रदान करती है। सभी RuPay कार्ड का लगभग 50% PM-JDY से जुड़ा हुआ है। नवंबर 2020 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को ग्राहकों के पहले विकल्प के रूप में केवल RuPay कार्ड जारी करने के लिए प्रेरित किया।

इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्थानीय डेटा-भंडारण नियमों के उल्लंघन पर MasterCard , American Express और  Diners Club International को क्रेडिट कार्ड जारी करने से प्रतिबंधित कर दिया था। इस से घरेलू बैंकों और कार्ड कंपनियों को लाभ होगा क्योंकि, प्रतिस्पर्धा दूर रहने पर वे बाजार में अपने कार्ड्स को बेहतर तरीके से स्थापित कर पाएंगे।

आगे का रास्ता

हमारी सरकारी नीतियां घरेलू नेटवर्क के पक्ष में विदेशी भुगतान नेटवर्क के लिए अनुचित हो सकती हैं, और यह दोनों अलग-अलग हितों की सेवा करते हैं। VISA (वीज़ा), मास्टरकार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस आम तौर पर अमीर या विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की जरूरतों को पूरा करते हैं। जब डेबिट या क्रेडिट कार्ड के मालिको ने अपने वित्तीय स्थिति का प्रदर्शन किया, तब इन कंपनियों ने भारत में प्रवेश किया। यह कंपनियां कंपनी के लिए काम करने वाले या कंपनी में हिस्सेदारी रखने वालों के हितों की पूर्ति के लिए काम करती हैं।

UPI और RuPay को आम लोगों के हितों की सेवा के लिए विकसित किया गया था। एक दशक पहले, स्मार्टफोन हर जगह नहीं थे; भारत में वित्तीय साक्षरता और नेटवर्क कवरेज का अभाव था। अब स्थिति अलग है। वित्तीय साक्षरता और प्रौद्योगिकी में कई गुना सुधार हुआ है। NPCI एक गैर-लाभकारी संगठन है; और वह जो कुछ भी कमाता है, उसे भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत पहला देश नहीं है, जो विशिष्ट भुगतान नेटवर्क के एकाधिकार को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। रूस के पास मीर(Mir) था, यूरोप में यूरोपीय भुगतान पहल (European Payments Initiative – EPI) आदि. थे।

क्या आपको लगता है कि, भारत विदेशी पेमेंट गेटवे को छोड़  घरेलू पेमेंट गेटवे पर जोर देकर सही कर रहा है? क्या यह करने का ये उचित समय है? आप हमें मार्केटफीड ऐप में उपलब्ध कमेंट सेक्शन में इस के बारे में बता सकते हैं।

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